हमारे देश में जितनी आस्था देखने को मिलती है, अंधविश्वास भी उतना देखने को मिलता है। ये अंधविश्वास ही है कि जिसकी वजह से हमारा समाज और देश पिछड़ रहा है। इसी अंधविश्वास से जनता का भरोसा तोड़ने के लिए देश के एक मंत्री ने अपनी तरफ से एक अनूठा प्रयास किया।
दरअसल आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में तेलुगू देशम पार्टी के विधायक निम्माला रामा नायडू को पूरी रात श्मशान में बितानी पड़ी। वह अगले दो-तीन दिन और रात को श्मशान में ही सोएंगे। नायडू ने ऐसा श्मशान के नवीनीकरण में आ रही एक बाधा को दूर करने के लिए किया है, क्योंकि मजदूरों में व्याप्त भूत प्रेत के डर से के वजह से वो श्मसान में काम करने से कतरा रहे थे।
नायडू मजदूरों का डर दूर करना चाहते थे। वह मजदूरों को बताना चाहते थे कि बुरी आत्माओं जैसी कोई चीज नहीं होती और इसी के चलते वह पूरी रात श्मशान घाट में सोए और सुबह उठकर घर गए।
मजदूरों का डर दूर करने के लिएविधायक ने बताया, 'मजदूरों को यह डर लग रहा था कि श्मशान में आत्माएं हैं और अगर वे काम करेंगे, तो उनको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस डर से कोई मजदूर श्मशान में प्रवेश करने से भी डर रहा था। इसलिए मैंने उनका डर दूर करने के लिए श्मशान में सोने का मन बनाया। मुझे यकीन था कि इससे मजदूरों का डर दूर हो जाएगा। हुआ भी ऐसा ही, शुक्रवार की रात मैं श्मशान में सोया था और शनिवार को लगभग 50 मजदूर काम करने के लिए श्मशान में पहुंच गए। उम्मीद है कि अगले दो-तीन दिन में और मजदूर काम करने के लिए पहुंचेंगे।'
एक साल से श्मसान का नहीं हुआ था कामउन्होंने बताया कि श्मशान में सुविधाओं का अभाव है। इसके नवीनीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये का बजट भी पास हो गया है। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है। यहां बेहद धीमी गति से काम चल रहा है। ऐसा लग रहा है कि श्मशान के नवीनीकरण का काम सालों तक यूं ही चलता रहेगा। लेकिन मेरी युक्ति से काम बन गया है।
दो-तीन रातें श्मसान में ही गुजारेंगेविधायक से जब पूछा गया कि क्या उन्हें श्मशान में सोते समय कोई समस्या हुई? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे किसी आत्मा ने तो नहीं, लेकिन मच्छरों ने बहुत परेशान किया। रात भर मच्छरों ने मुझे बहुत काटा, इसलिए अब मैं मच्छरदानी लगाकर श्मशान में सोऊंगा। विधायक साहब ने अंधविश्वास को मिटाने के लिए जो कदम उठाया, वो काबिले तारीफ है। अगर समाज में फैली कुरीतियों और दूसरी समस्याओं को लेकर भी हमारे जनप्रतिनिधि ऐसी जागरूकता फैलाएं, तो लोगों की काफी परेशानियां हल हो जाएंगी।