ज्यादा देर खड़े रहने में परेशानी
पैरों में असहनीय दर्द
पैरों में सूजन
मांसपेशियों में खिंचाव
थकान महसूस होना
त्वचा के अन्य हिस्सों में काले निशान पड़ना
पैरों के निचले हिस्से में काले निशान पड़ना
शरीर के अन्य अंगों की तरह पैरों को भी आक्सीजन की जरूरत पड़ती है, जो हार्ट की आर्टरीज में प्रवाहित शुद्ध रक्त के जरिए पहुंचाई जाती है। पैरों को ऑक्सीजन देने के बाद यह आक्सीजन अशुद्ध खून वेन्स के जरिए वापस पैरों से ऊपर फेफड़े की तरफ शुद्धीकरण के लिए जाती है। किसी कारण से अगर इनकी कार्यप्रणाली धीमी हो जाती है तो पैरों का ड्रेनेज सिस्टम खराब हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि ऑक्सीजन रहित अशुद्ध खून ऊपर चढक़र फेफड़े की ओर जाने की बजाए पैरों के निचले हिस्से में जमा होना शुरू हो जाता है, जिससे आपको यह बीमारी हो जाती है।
यह बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन 30 वर्ष से अधिक उम्र वाली महिलाओं में येसमस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ज्यादातर स्त्रियों में गर्भावस्था के दौरान या डिलिवरी के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। लगातार खड़े होकर काम करके, हाई हील्स पहनकर चलने और घंटों डेस्क पर बैठकर काम करने और शारीरिक गतिविधियां का कम होने के कारण भी महिलाएं इसकी चपेट में जल्दी आ जाती हैं।
अक्सर लोगों के पांव में अचानक से काले निशान उभरकर आ जाते है जो देखने में बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते है। ये निशान देखने में बहुत ही डरावने और भद्दे लगते है। अक्सर लोग इस समस्या को त्वचा संबंधी मामूली समझकर नज़रअंदाज कर देते हैं, पर ऐसा करना उचित नहीं है। यह वेन्स संबंधी गंभीर समस्या भी हो सकती है। ये समस्या चलने के बाद खिंचाव या बहुत ज्य़ादा थकान महसूस होती है तो ऐसे निशान को अनदेखा न करें, क्योंकि यह वेन्स से जुड़ी गंभीर समस्या हो सकती है।
जिसे मेडिकल भाषा में क्रोनिक वेनस इन्सफीसियंसी यानी सी.वी.आइ. कहते हैं। आइए जानते क्या होती है ये समस्या और क्यों होती है?