बारिश के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, ये मच्छर मनुष्यों की तरह जानवरों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं, खासकर दूध देने वाले जानवरों के लिए। मच्छरों के काटने से जानवर तनाव में आ जाते हैं और उनके दूध उत्पादन की क्षमता पर भी लगभग 10 से 15 प्रतिशत तक का प्रभाव पड़ता है। इसलिए ये जरूरी है कि बारिश के समय खुद के साथ जानवरों को भी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। जो लोग दुग्ध व्यवसाय से जुड़े है उन्हें तो बहुत ज्यादा सर्तक रहने की जरुरत होती है।
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मच्छर काटने से कम होने लगता है दूध
मच्छर के बार-बार काटने से जानवर परेशान हो जाते हैं और इसका असर उनके खानपान पर भी पड़ता है। ठीक तरह से चारा भी नहीं खा पाते है। बारिश के मौसम में गंदगी की वजह से मच्छर ज्यादा हो जाते हैं और मच्छर जानवरों के पांव पर ज्यादातर काटते हैं। इसलिए जानवरों को बांधने कि जगह पर साफ सफाई रखनी चाहिए। क्योंकि कई बार ज्यादा मच्छर के काटने से पैरों से खून तक आने लगता है जिसका सीधा-सीधा असर उसके दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ता है।
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कैसे रखें जानवरों का ख्याल -- आप मच्छरदानी और धुआं आदि की मदद से मच्छरों को दूर भगा सकते हैं।
- हल्के नीम के तेल की मालिश पशु के शरीर पर करें ।
- नीम और तुलसी के पत्तों को जला कर एक कोने में रख दें और थोड़ी देर बाद में ही बुझा दें ।
- ध्यान रखें कि पशुओं के बाड़े के आस-पास जलभराव नहीं होना चाहिए।
- बरसात के मौसम में जानवरों का टीकाकरण जरूर लगवाएं।
- इसके अलावा मच्छरों से नियंत्रण पाने के लिए गिनीफाउल पालें, गिनीफाउल मक्खी मच्छर चूहा, दीमक कॉकरोच तथा सांप छछूंदर को खा जाते है