डॉक्टरों की मानें तो खासकर चांदी का वर्क लगी मिठाइयों से तो बिलकुल परहेज करना चाहिए क्योंकि इसमें चांदी की जगह एल्युमिनियम की परत का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। दिवाली के दौरान मिठाइयां बाजार में खूब बिकती हैं और इन्हें बनाने में कई जगहों पर सिंथेटिक दूध, खराब तेल, चांदी की जगह एल्युमिनियम के वर्क और नकली रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर कोई व्यक्ति सिंथेटिक दूध से बनी चीजों खा लेता है, तो उसे पेट से जुड़ी कई बीमारी हो सकती है। इसके अलावा इन दिनों मिठाइयों को बनाने के लिए जिस तेल व घी का इस्तेमाल किया जाता है वह भी अच्छी क्वॉलिटी का नहीं होता। खराब तेल से बने पदार्थ कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाते है और पेट में इंफेक्शन भी करते हैं। लोगों को लगाता कि जिन मिठाइयों पर सिल्वर का वर्क किया होता है, वह मिठाई देखने के साथ साथ खाने में अच्छी होगी। इसी वजह से दुकानदार मिठाइयों में सिल्वर की जगह एल्युमिनियम के वर्क का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें खाने से दिमाग की ग्रोथ रुक जाती है।
यह एक साधारण टेस्ट है, जिसे कोई भी घर पर कर सकता है। अपनी उंगलियों से मिठाई के ऊपर लगे चांदी के वर्क को पोंछने का प्रयास करें। यदि यह आपकी उंगलियों पर चिपक जाता है, तो इसका मतलब है कि चांदी के वर्क में एल्यूमीनियम मिलाया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इसका मतलब है कि मिठाई खाने के लिए सुरक्षित है।
चांदी के वर्क का टेस्ट करने के लिए एक और साधारण तरीका यह है कि मिठाई पर लगे चांदी के वर्क को उतार लें। इसके बाद इसे जलाएं या गर्म करें। यदि यह चांदी से बना है तो यह चांदी की एक गेंद के आकार में बदल जाएगा और अगर इसमें मिलावट है, तो यह काला हो सकता है। आमतौर पर इसमें एल्यूमीनियम की मिलावट की जाती है। इसे जलाने पर एल्यूमीनियम काली राख में बदल जाता है।
त्यौहारों के दौरान मिठाइयों में मिलावट होने के मामले अधिक हो जाते हैं। मिठाइयों की बढ़ती मांग को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग मिठाइयों में मिलावट करने लगते हैं कलर, मावे से लेकर सब में मिलावट होने लगी है। इतना ही नहीं, चांदी के असली वर्क के नाम पर बाजार में एल्युमिनियम के वर्क भी बिक रहे हैं। इससे कैंसर, फेफड़े और दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं। आपको पता भी नहीं चलेगा कि आप जिस मिठाई को इतने शौक से खा रहे हैं वह मिलावटी है और आपकी सेहत को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकती हैं।