धनिया को घी में सेंककर मिश्री के साथ मिलाकर बनाई जाने वाली यह पंजीरी दिमागी तरावट, मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद है और यह दिमाग को ठंडा रख उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाती है।
पाचन के लिए धनिया चबाना लाभदायक है। यह पाचन तंत्र को बेहतर करने के साथ-साथ गैस और अपच जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है।
धनिए की पंजीरी दूध बढ़ाने का काम भी करती है। महिलाओं की इम्यूनिटी पावर को मजबूत बनती है पंजीरी। डिलीवरी के बाद महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो जाती है। ऐसे में पंजीरी उन्हें डिप्रेशन से दूर रखने का काम करती है।
गठिया के मरीजों के लिए धनिया की पंजीरी बेहद फायदेमंद होती है। रोजाना इस पंजीरी का सेवन जल्द ही आपको गठिया से निजात दिलाने में मदद करेगा।
चक्कर आने की समस्या के लिए धनिया की पंजीरी एक रामबाण इलाज है। अगर आपको चक्कर आने की समस्या हो, तो रोजाना इस पंजीरी को चबा-चबाकर खाएं और असर देखें।
1 कप धनिया पाउडर
तीन चम्मच देसी घी
आधा कप मखाना
आधा कप चीनी
दस काजू
दस बादाम
एक चम्मच चिरौंजी
धनिए की पंजीरी बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में 1 चम्मच घी गर्म कर लें। अब इसमें धनिया पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से भून लें। अब इसमें टुकड़ों में कटे हुए मखानों को भूनकर तथा उन्हें दरदरा पीस कर डाल दें। काजू और बादाम तो भी छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इसमें मिला दें। इस तरह से भगवान को भोग लगाने वाली धनिए की पंजीरी तैयार है। भोग लगाने के बाद आप इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।
जन्माष्टमी आने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। जन्माष्टमी आते ही घर में तरह-तरह के पकवान बनने लग जाते हैं। इन्ही में से एक है पंजीरी। जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा धनिए की पंजीरी का भोग लगाया जाता है। ये खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है, इसके सेहत से जुड़े फायदे भी उतने ही होते हैं। टेस्ट में लजीज लगने वाली पंजीरी की सुगंध से ही तन मन आनंदित हो जाता है।
शुद्ध घी में धनिया भूनकर पंजीरी बनाई जाती है जो स्वास्थय के लिए काफी लाभदायक है। इसके अलावा इसमें ड्राई फ्रूट्स मिक्स किए जाते हैं जिससे यह और ज्यादा हेल्दी प्रसाद बन जाता है। इसे खाने से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रोल कंट्रोल रहते हैं और इन्फेक्शन से बचाव होता है। आइए जानते है कृष्ण जी को भोग में चढ़ाई जाने वाली पंजीरी को खाने के फायदों के बारे में।